कविता-------By Mahadevi Verma - Er. Nitin - Just Enjoy Life Forgetting World.

Search Happiness in Everything.............

मंगलवार

कविता-------By Mahadevi Verma

उत्तर -महादेवी वर्मा 


इस एक बूँद आँसू में, 
चाहे साम्राज्य बहा दो,
वरदानों की वर्षा से, 
यह सूनापन बिखरा दो;

इच्छा‌ओं की कम्पन से, 
सोता एकान्त जगा दो,
आशा की मुस्काहट पर, 
मेरा नैराश्य लुटा दो ।

 चाहे जर्जर तारों में, 
अपना मानस उलझा दो,
सुख का आसव छलका दो;

मेरे बिखरे प्राणों में, 
मेरी छोटी सीमा में, 
अपना अस्तित्व मिटा दो!

पर शेष नहीं होगी यह, 
मेरे प्राणों की क्रीड़ा,
तुम में ढूँढूँगी पीड़ा!

My Blog List